किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
जो तुझे देखते ही दूर से मुस्कुराती होगी
दिल में अपार प्रेम भरके
वो आँखों से छुपा रही होगी..
दिन रात तेरे सपने देख के
वो ये कहने से शरमा रही होगी..
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
रोई होगी वो बहुत
जिस दिन तूने उसे छोड़ा होगा
पर शिकायत कभी लब्जो पे ना होगी..
तेरे लिए मंदिर मंदिर भटकती होगी
हर दुआ में बस तुझे ही माँग रही होगी
बस तुझे तुझसे मांगने में हिचकिचाती होगी..
तुझे देखने के लिए हर पल तरसती होगी
हर किसी से तेरा हाल पूछती होगी
बस तुझे पूछने में घबराती होगी…
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
तेरे साथ साथ चलने का इरादा होगा
पर फिर भी दो कदम पीछे आ रही होगी
हाथ तूने ना थामा उसका
इसलिए मुस्कुराकर आंसू छुपा रही होगी
फ़िक्र तो बहुत करती होगी तेरी
पर फिर भी खुद को बेफिक्र बता रही होगी
किस्मत से वो जरूर हारी होगी...
मुट्ठी में तेरा ही नाम लिखा होगा
पर मुट्ठी खोलने से डरती होगी..
मन ही मन तुझे अपना वर मान लिया होगा
पर तुझ पे हक़ न जता पा रही होगी
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
रंग मेहँदी का गेहरा देखके वो आंसू बहा रही होगी
तेरी बारात को किसी और के घर ठहरा देखकर
जान उसकी जा रही होगी...
किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
मन तो उसका भी करता होगा
तुझे गले लगा कर रोने का
पर तुझे ये कहने की हिम्मत न कर पा रही होगी..
तुझे बेइंतहा प्यार करके
लफ्जो में बयां ना कर पा रही होगी..
इतनी तो हिम्मत उसमें भी होगी
की तुझे कान पकड़कर वापस ले आये
किसी और की गलियों से..
पर किस्मत से वो जरूर हारी होगी..
वो लड़की
जरूर वो लड़की
मेरी तरह
किस्मत से हारी होगी…
by Hira Mokariya

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